Everything about baglamukhi shabar mantra

योषिदाकर्षणे शक्तां, फुल्ल-चम्पक-सन्निभाम् ।

Over time, numerous saints and spiritual masters even more enriched the Shabar mantra custom. They gathered and compiled these mantras, and their collections turned known as 'Shabar Vidya', or perhaps the understanding of Shabar mantras.

चतुर्भुजां त्रि-नयनां, कमलासन-संस्थिताम् । त्रिशूलं पान-पात्रं च, गदां जिह्वां च विभ्रतीम् ।।

Then wipe her which has a towel, make her have on new slippers, and feed her yellow-coloured foods along with your have palms and notice diligently, for sometimes the ft or the deal with with the Woman begins appearing yellow.

श्री बगला-ध्यान-साधना ( पीताम्बरा ध्यान मंत्र )

Baglamukhi Shabar Mantra is particularly exploited to penalize enemies also to dethrone the hurdles in life. Occasionally being blameless and without any troubles, the enemy commonly harasses you for no purpose. 

“ॐ बग्लामुख्ये च विद्महे स्तम्भिन्यै च धीमहि तन्नो बगला प्रचोदयात्।”

अर्थात् साधक गम्भीराकृति, मद से उन्मत्त, तपाए हुए सोने के समान रङ्गवाली, पीताम्बर धारण किए वर्तुलाकार परस्पर मिले हुए पीन स्तनोंवाली, सुवर्ण-कुण्डलों से मण्डित, पीत-शशि-कला-सुशोभित, मस्तका भगवती पीताम्बरा का ध्यान करे, जिनके दाहिने दोनों हाथों में मुद्र्गर और पाश सुशोभित हो रहे हैं तथा वाम करों में वैरि-जिह्ना और वज्र विराज रहे हैं तथा जो पीले रङ्ग के वस्त्राभूषणों से सुशोभित होकर सुवर्ण-सिंहासन में कमलासन पर विराजमान हैं।

“Om hreen bagalaamukhee sarv dushtaanaan vaacham mukham padam stambhay stambhay jeevahaan keelok keelok vinaashay hreen om svaaha”

ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

That means: The bija mantra for divine Electrical power and focus. In addition, it refers to Saraswati, the goddess of knowledge and arts.

O Devi Baglamukhi, that is holding the suggestion on the enemy’s tongue with her remaining hand and punishing him

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई website असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

सुधाब्धौ रत्न-पर्यङ्के, मूले कल्प-तरोस्तथा ।

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